बरेली । हर साल की तरह इस साल भी मुफ़्ती नकी अली खां का 147 वा दो रोज़ा उर्स मनाया गया..बरोज़ बुद्ध बाद नमाज़े ईशा जलसा ए तकरीर का प्रोग्राम हुआ… जिसमे कई शहरों के उल्माये तशरीफ़ लाये…जिसमे मुख़्य रूप से मुफ़्ती आकिल साहब ने मुफ़्ती नकी अली खां की ज़िंदगी पर रौशनी डाली औऱ बताया आपको 43 उलूम पर उबूर हासिल था और आपने ही अपने बेटे आला हजरत को पढ़ाया और आपने अंग्रेज़ो को भगाने में 1857 के विद्रोह में अहम भूमिका निभाही थी इसी लिये नकी अली खां को जंगे आज़ादी के नाम से भी जाना जाता है…. 29 जून बाद नमाज़े ज़ोहर प्रोग्राम शुरू हुआ जिसकी सदारत मुफ़्ती डॉ कारी फुरखान साहब ने की और निज़ामत मौलाना लियाकत साहब बरेलवी ने की मुफ़्ती फुरखान साहब ने अपनी तकरीर में कहा कि जिस तरह किसी भी फल से शहर को पहचाना जाता है इसी तरह मुफ़्ती नकी अली खां के बाग में आला हजरत जैसा फल आया इसी तरह मुफ़्ती नकी अली खां को आला हजरत के नाम से जाना जाता है ठीक 4 बजकर 38 मिनट पर कुल शरीफ हुआ .. दुआ नबीरे आला हजरत तस्लीम मियां ने की जिसमे मुल्क में अमनो अमान तरक्की ओर खुशहाली के लिए खुसूसी दुआ की तो वही मरहूम डॉ. इसरार बेग नूरी साहब की मगफिरत के लिये भी दुआ की तो वही सभी बीमारो और कमज़ोरों की शफा के लिये खुसूसी दुआ की, कहा हम हिंदुस्तानी है हमे आपस मे इत्तेहाद रखना चाहिए… बड़ी तादाद में अकीदतमंदों ने शिरकत की…
वही इस मौके पर मुख्य रूप से सैय्यद शाहिद अली, मौलाना हनीफ रज़ा, गफ्फार रज़ा, फैजान खान, सनी मिर्ज़ा, शादाब मिर्ज़ा, सलमान खान शानू, शुजात मिर्ज़ा, अब्दुल वाजिद खान, शावेज़, नावेद रज़ा,ताहिर मियां, आदि लोग प्रमुख रूप से मौजूद रहे
